इंदिरा गांधी की याद में राजीव गांधी का भाषण | Rajiv Gandhi’s Speech in Memory of Indira Gandhi in Hindi Language!
राजीव गांधी ने श्रीमती इन्दिरा गांधी की हत्या के बाद उनकी पहली वर्षगांठ पर 19 नवम्बर, 1984 को नयी दिल्ली में बोट क्लब पर निम्नलिखित भाषण दिया था । ‘प्रिय देशवासियों, आज इन्दिराजी की पहली वर्षगांठ है, जिस पर वह हमारे साथ नहीं हैं, लेकिन जब एक व्यक्ति स्तर से ऊपर उठ जाता है, तब वह हमें कभी छोड्कर नहीं जाता है ।
इसी तरह, 35 साल हुए महात्मा गांधी को गोली लगी थी । गांधीजी की हत्या हुई लेकिन गांधीजी नहीं मरे । वह हमारे साथ देश को बनाते हुए आये; क्योंकि उन्हीं के विचारों पर उन्हीं की सियासत पर देश बना । इसी तरह अभी तीन हफ्ते हुए इन्दिराजी की हत्या हुई तो इन्दिराजी उसके साथ मरी नहीं ।
इन्दिराजी की ताकत आज भी हमारे साथ है, हमारे देश को मजबूत कर रही है हमारे देश को आगे बढ़ा रही है । जब कोई व्यक्ति इतना आगे बढ़ जाता है, तो उसके शरीर से इतना मतलब नहीं होता जितना उसकी विचारधाराओं से उसकी नीतियों से मतलब होता है ।
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हमें सोचना है कि इन्दिराजी क्या दे गयीं हमारे देश को । उन्होंने कैसी लड़ाई लड़ी अपने 17 साल तक प्रधानमन्त्री होने में और उससे पहले कांग्रेस में देश की आजादी की लड़ाई में । आज जब हम सोचते हैं कि हमारा देश कहां पहुंचा है जब हम देखते हैं कि दूसरे देशों में क्या हो रहा है और फिर हम अपने देश को देखते हैं, तो हमें अपने देश की ताकत दिखाई देती है ।
दुनिया की सब शक्तियों ने कोशिश की कि भारत हिल जाये । इन्दिराजी की जो हत्या हुई वह खाली एक व्यक्ति को हटाने के लिए नहीं हुई । वह भारत में भारत को टुकड़े-टुकड़े करने के लिए हुई भारत में आपसी झगड़े बढ़ाने के लिए हुई ।
लेकिन हमने दुनिया को दिखाया कि जो नींव गांधीजी ने पण्डितजी ने इन्दिराजी ने रखी वो इतनी कमजोर नहीं है कि हमारा देश एक हत्यारे की गोली से टूट सकेगा । हमने दुनिया को दिखाया कि यह देश उनकी गोलियों से बहुत ज्यादा मजबूत है । हमने दुनिया को दिखाया कि चाहे वह कितना भी दबाव डालें हमारा देश उनके दबाव के नीचे आने वाला नहीं है ।
आज आजादी के 37 वर्ष बाद हम गौरव से कह सकते हैं कि हमारा देश हर तरह से आजाद है, कितने और देश यह कह सकते हैं ? आप दुनिया में देखिये दूसरे विकासशील देशों को देखिये चाहे हमारे पड़ोस में देखें चाहे एशिया अफ्रीका अमेरिका के देशों में देखें बहुत कम देश हैं, जिनमें लोकतन्त्र है और जो सचमुच में आजादी से दुनिया में अपनी आवाज उठा सकते हैं, उनमें सें भारत एक है ।
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आज भारत यहां तक पहुंचा है; क्योंकि पिछले वर्षों में पण्डितजी ने इन्दिराजी ने हमारे देश को मजबूत किया है, हमारे देश को ऐसे रास्ते पर चलाया है, जिससे हम मजबूत हुए हैं और दुनिया की इन शक्तियों का सामना कर पाये हैं ।
राह सामना खाली फौज से नहीं होता यह सामना होता है, जब जनता की ताकत एक होती है, जब जनता की ताकत सरकार के साथ होती है और इन्दिराजी ने जनता का काम करके जनता के सामने एक ऐसी नेती रखकर जिससे सचमुच में जनता को लाभ मिले जनता आगे बढ़ पाये ऐसे कार्यक्रम करके भारत की जनता को एक रखा है ।
हमें इस कार्यक्रम को और आगे ले जाना है । हमें देखना है कि भारत की जनता को हर कोने में हर घर में कुछ फायदा पहुंचे कुछ काम हो । हमारे जो कार्यक्रम हैं, चाहे गरीब और पिछड़े हलकों के लिए हों हरिजनों के लिए हों आदिवासियों के लिए हों अल्पसंख्यकों के लिए हों पिछड़े वर्ग के लिए हों दूसरे कमजोर हलकों के लिए हों सब ऐसे हैं, जिनसे हम अपने गरीब और कमजोर लोगों को ताकत दै पायें ।
एक कार्यक्रम इन्दिराजी ने शुरू किया था । उन्होंने कार्रवाई शुरू की थी लेकिन वह पूरा नहीं कर सकीं । हमने यह कार्यक्रम पूरा किया और 13 तारीख को इसकी घोषणा की । यह है हमारे बुनकर भाइयों के लिए एक खास कार्यक्रम । हमने उनकी सबसिडी बढ़ाई है ।
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डेढ़ रुपये मीटर से दो रुपये मीटर कर दी है गौर जो तीन रुपये सत्तर पैसे मीटर हैण्डलूम खाली एन॰टी॰सी॰ ऐड मिल्स को मिलता था पोलिस्टर और खादी मिलाने में वो भी हमारे चुनकर भाइयों को देंगे । इसके अलाव हमने चालीस सूत से जो कम का कपड़ा है, उसका एक्सपोर्ट बिकुल बन्द करवा दिया है । इस कार्यक्रम स हमारे बुनकर भाइयों को बहुत फायदा मिलेगा ।
समय बहुत कम था चुनाव कै पहले, तो हम ज्यादा कार्यक्रम शुरू नहीं कर पाये, लेकिन जिस तरह से बीस सूत्री कार्यक्रम हर कमजोर आदमी के लिए बना था, हर कमजोर परिवार के लिए उसे हम और तेजी से लागू करेंगे । हम देखेंगे कि जितनी चीजों की जरूरत है, वह तेजी से हों ।
जैसे मैंने पहले दिन वायदा किया था कि हम देखेंगे कि जितने लोग पब्लिक सर्विस में हैं, चाहे राजनीति में हों चाहे एडमिनिस्ट्रेशन में हों वो ठीक ढंग से और ईमानदारी से काम करें । हम जानते हैं कि हमारे देश के सामने कितनी कठिनाइयां हैं । सबसे बड़ी मुश्किल है, धन की ।
बहुत से कार्यक्रम हैं, लेकिन धन की कमी के कारण हम सबको एक साथ लागू नहीं कर पाते और जब हम देखते हैं कि धन गलत रास्ते से निकल जाता है, गरीबों के फायदे के लिए नहीं पहुंचता तो हम बहुत असन्तुष्ट होते है और हम देखेंगे कि यह जल्दी-से-जल्दी रुके । हमें आज देखना है कि हमारा देश मजबूत हो ।
यह जो चाल चली थी इन्दिराजी की हत्या की देश को तोड़ने की देश को कमजोर करने की इसका हाथ हम देख रहे हैं, कहा-कहां तक पहुंच रहा है । रोज आप अखबार में पढ़ रहे हैं, कैसे कुछ विदेशी लोग इस आन्दोलन में मदद कर रहे हैं । हम देखेंगे कि हमारे देश में कोई ऐसी शक्ति नहीं बढ़ पाये ।
हमारी पूरी ताकत लगेगी इन शक्तियों को खत्म करने में इसलिए इसमें हमें आपकी बहुत सहायता की जरूरत होगी भारत की जनता की सहायता की । दो तरह से सहायता की जरूरत है । एक तो आपको शक्ति देनी है, दूसरा आपको शान्त रहना है । कोई भी काम जो क्रोध में हो रंज मे हो वो देश को नुकसान पहुंचा सकता है ।
कभी-कभी हम ऐसा काम करके उन्हीं लोगों की मदद कर देते हैं, जो हमारे देश को तोड़ने निकले हैं । आज यह बात समझकर देश को मजबूत करने के लिए एक करने के लिए हमें काम करना है । हमें देखना है कि जो नीतियां चली आ रही हैं जिनसे हमारा देश मजबूत हुआ है उन्हीं को हम आगे चलायें; जिस नींव पर देश खड़ा हुआ है उस पर हम अपनी दीवारें खड़ी करें अपना मकान बढ़िया बनाये ।
आज समय कम है । मैं अन्त में आपसे यही कहना चाहूंगा कि हमें इन्दिराजी को याद रखना है । हमें याद रखना है, उनकी हत्या क्यों हुई । हमें याद रखना है कौन-कौन लोग इसके पीछे हो सकते हैं । यह सोचते हुए हमें इस हत्या का बदला लेना है ।
बदला लेना है, तो गुस्से से क्रोध से या रंज से नहीं लेना है । इसका बदला एक ही तरह से हो सकता है, अगर हम सब अपनी पूरी शक्ति लगा दें, आपस के मतभेद खत्म करने में देश को एक रखने मैं देश को मजबूत बनाने में । इसी तरह से हम इन्दिराजी को याद रखेंगे तब उनकी हमारे बीच में असली याद रहेगी ।
जब इन्दिराजी की हत्या हुई थी तो हमारै देश में कुछ दंगे-फसाद हुए । हमें मालूम है कि भारत की जनता के दिल में कितना क्रोध आया कितना गुस्सा आया और कुछ दिन के लिए लोगों को लगा कि भारत हिल रहा है, लेकिन जब भी कोई पेड़ सरिता है, तो धरती थोड़ी हिलती है, लेकिन उसके बाद जिस तरह से आपने यह खत्म किया जिस तरह से दोबारा उगपकी सहायता से आपकी शक्ति से देश की एकता बनने लगी है, जिस तरह से हम दोबारा एक होकर खडे हो रहे हैं, पूरी दुनिया देख रही है कि भारत सचमुच में एक पक्का लोकतन्त्र बन गया है ।
पूरी दुनिया देख रही है और समझ रही है कि भारत इतनी आसानी से नहीं टूट सकता है । हम भारत को और मजबूत करेंगे आगे ले जायेंगे दुनिया की हर शक्ति का सामना करेंगे । हमें देखना है कि पण्डितजी का इन्दिराजी का भारत के गरीबों का काम पूरा हो । धन्यवाद, जय हिन्द ।’