Read this article in Hindi to learn about how exercise helps in reducing stress.
नियमित रूप से व्यायाम करने पर शारीरिक, सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिलता है, तनाव दूर करता है और लंबी चलने वाली गंभीर बीमारियों, मुख्यतः हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, आँतों के कैन्सर, मधुमेह और अस्थि सुषिरता के खतरे से रक्षा भी करता है ।
तनाव में कमी (Stress Reduction):
जो लोग रोजाना तनाव का सामना करते हैं उनके लिए तो व्यायाम बहुत ज्यादा फायदेमंद होता है । हमारी चिंताओं व तनाव को मिटाने और चित्त को शांत करने में मदद करता है । लंबे अध्ययनों के बाद कुछ विशेषज्ञ इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि हर रोज नियमित रूप से व्यायाम करने वालों में जीवन के दबावों और तनावों से निपटने के लिए अधिक क्षमता वाली जैव रासायनिक प्रणाली विकसित हो जाती है- यह एक प्रकार की ‘तनाव प्रतिरोध’ प्रणाली है ।
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आधुनिक तनाव-युक्त जीवन में, जहाँ 60 से 90 प्रतिशत लोग, चिकित्सकों के पास सिरदर्द, माँसपेशियों का तनाव, अनिद्रा, व्यग्रता, गठिया और अवसाद जैसी तनाव से संबंधित शिकायतें लेकर आते हों, वहाँ ‘तनाव खत्म’ करने वाले ऐसे तरीके वास्तव में महत्व रखते हैं ।
तनाव के समय ‘तनाव’ के हार्मोन्स स्रावित होते हैं और ऐसे में व्यायाम सुकून देने वाला असर पैदा करता है । जब व्यायाम करते हैं, तो शरीर से एन्डोर्फिन्स जैसे पदार्थ पैदा होते हैं, जो प्राकृतिक रूप से दर्द में आराम देते हैं और एक स्वस्थ व आरामदायक अनुभव देते हैं । इनकी रासायनिक संरचना मॉर्फीन के समान ही होती है, और ये हंसते समय भी स्रावित होते हैं ।
हृदय रोग और कोलेस्ट्रॉल (Heart Disease and Cholesterol):
निष्क्रिय व्यक्तियों की तुलना में सक्रिय व्यक्तियों को हृदय रोग होने का खतरा 45 प्रतिशत कम होता है । आहार में थोडे-से बदलाव करके कोलेस्ट्रॉल स्तर में सुधार लाया जा सकता है और जब एरोबिक्स व्यायाम (जो हृदय गति बढाता है) किया जाता है, तब कोरोनरी धमनी रोग का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है ।
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नियमित एरोबिक्स तेजी में चलना, तैरना, साइकिल चलाना, रैकेट वाले खेल आदि एलडीएल (खराब कोलेस्ट्रॉल) को कम करने और एचडीएल (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) के स्तर को बढाने का सबसे अच्छा तरीका है ।
उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure):
नियमित व्यायाम धमनियों को लचीला रखता है, यहाँ तक कि बुजुर्गों में भी । इससे रक्त संचार लगातार बना रहता है और रक्तचाप संतुलित रहता है । क्रियाशील व्यक्तियों की अपेक्षा निष्क्रिय व्यक्तियों में उच्च रक्तचाप से हाइपरटेन्शन का खतरा बढ जाता है ।
मधुमेह (Diabetes):
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मधुमेह के दोनों प्रकार, ‘टाइप’ 1 तथा ‘टाइप 2’ के पीड़ितों के लिए एरोबिक्स व्यायाम बहुत फायदेमंद साबित हुआ है । यह शरीर में इन्सुलिन के उपयोग की क्षमता बढाता है, रक्तचाप कम करता है, कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाता है और शारारिक वसा को घटाता है ।
अस्थि सुषिरता (Osteoporosis):
व्यायाम से अस्थि सुषिरता के बढने की गति धीमी हो जाती है । किशोरावस्था से पहले ही व्यायाम करना शुरू कर देना चाहिए, क्योंकि इस समय हड्डियों का द्रव्यमान बढता है और 20 और 30 की उम्र के बीच अपनी उच्चतम सीमा पर पहुँच जाता है ।
वजन वाले व्यायाम, जिनमें मांसपेशी और हड्डियों पर तनाव पडता हैं । शरीर का बड़े हुए तनाव को समायोजित करने के लिए प्रेरित करते हैं और प्रतिवर्ष हड्डियों के घनत्व को 2 प्रतिशत से 8 प्रतिशत तक बढा सकते हैं ।
मनोवैज्ञानिक और मानसिक लाभ (Psychologist and Psychological Benefits):
एरोबिक्स व्यायाम मानसिक शक्ति व सक्रियता को बढाता है, जिसमें प्रतिक्रिया का समय तीक्ष्माता और गणितीय कौशल शामिल है । व्यायाम सृजनात्मकता और कल्पनाशीलता को भी बढ़ाता है । एक अध्ययन के अनुसार, वृद्ध व्यक्ति, जो शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हैं, वे मानसिक चुनौतियों के लिए उतनी ही तत्परता से प्रतिक्रिया दिखाते हैं, जितना कि एक अस्वस्थ युवा ।
i. व्यायाम समय से पूर्व मृत्यु के खतरे को कम करता है ।
ii. वजन को नियंत्रित करता है ।
iii. मधुमेह में रक्त शर्करा स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है ।
iv. रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है ।
v. अच्छे कोलेस्ट्रॉल स्तर (एचडीएल) को बढाकर रक्त कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होता है ।
vi. स्वस्थ हड्डियों, माँसपेशियों और जोडों के निर्माण करने में व्यायाम की भूमिका महत्वपूर्ण होती है (अस्थि सुषिरता से बचाव) ।
vii. आँतों के कैन्सर का खतरा कम करता है ।
viii. नियमित व्यायाम प्रौढ़ लोगों को शक्ति देता है और शारीरिक गतिशीलता को बढाने में सहायक होता है । रक्त-संचार बढ़ाता है हृदय फेफडों और दूसरे अंगों तथा माँसपेशियों को एक साथ अधिक असरदार रूप से काम करने में मदद करता है ।
ix. मनोवैज्ञानिक रूप से दुरुस्त रखता है ।
x. तनाव दूर करने में सहायक होता है ।
व्यायाम और वजन में कमी (Exercise and Weight Loss):
ज्यादा वजन वाले व्यक्तियों के साथ जुडे खतरे बेहिसाब होता है । मोटापा अब महामारी हो गया है और शारीरिक निष्क्रियता इसका सबसे बडा कारण है । कैलोरी पर नियंत्रण बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके साथ व्यायाम भी दूसरा आवश्यक घटक है ।
व्यायाम का एक मुख्य लाभ यह भी है कि यह चयापचय को बढा देता है और आराम की अवस्था की अपेक्षा कैलोरी का दहन पाँच से सात गुना बढा देता है । बल्कि व्यायाम करने के कुछ समय बाद तक भी चयापचय बढा हुआ रहता है । इसलिए कई विशेषज्ञ सुबह के नाश्ते से पहले तेज सैर की सिफारिश करते हैं । इससे पूरे दिन के लिए चयापचय अधिक सक्रिय बना रहता है ।
व्यायाम का असर हमेशा वजन के पैमाने पर प्रदर्शित नहीं होगा, क्योंकि यह वसीय ऊतकों को चर्बी रहित मांसपेशीय ऊतकों में बदल कर देता है और वास्तव में माँसपेशी का वजन वसा की अपेक्षा अधिक होता है ।
फिर भी यह शरीर के आकार में दिखने लगेगा और बहुत जल्दी कपडे पर ज्यादा फब रहे हैं । शारीरिक गढन में सुधार का उल्लेख करने की जरूरत ही नहीं है । केवल इन्हीं कारणों पर ध्यान दिया जाए तो भी हमेशा युवा बने रहने के लिए नियमित व्यायाम सबसे अच्छा तरीका है । वजन-मशीन ही एकमात्र प्रमाण नहीं है ।
हालाँकि एरोबिक्स व्यायाम से आपके हृदय और फेफड़ों का तो व्यायाम होता है, पर आपको भार उठाने वाले व्यायाम की भी जरूरत होती है । मांसपेशी एक शक्तिशाली ऊतक है, जिसे वसा ऊतक से भी अधिक कैलोरी की जरूरत होती है । परिणाम के तौर पर मांसपेशीय ऊतक बढने पर आराम की अवस्था की चयापचय दर बढ जाती है (वह अवस्था जब कैलोरी व्यय होती है) । और लंबे समय तक वजन नियंत्रण की संभावना बनी रहती है ।
हालाँकि आपकी चयापचय दर प्रतिदिन के ऊर्जा खर्च के 60-75 प्रतिशत भाग का इस्तेमाल करती है, अतः चयापचय को एरोबिक्स व्यायाम और भार उठाने वाले व्यायाम के जरिए बढ़ाने से सभी क्रिया-कलापों के दौरान, यहाँ तक कि नींद में भी अधिकाधिक ऊर्जा खर्च होगी । इसलिए पर्याप्त शारीरिक श्रम के बाद, जब सप्ताहांत में आराम करेंगे, तो वास्तव में बेहतर महसूस करेंगे, यह जानते हुए कि इस समय भी चयापचय काम कर रहा है ।
ढलती उम्र और व्यायाम (Aging and Exercise):
जैसे-जैसे उम्र बढती है, वजन बढता है, गतिशीलता थोडी कम हो जाती है, गठिया से पीडित हो जाते हैं और धीरे-धीरे कुछ क्रियाएँ, जैसे नाचना, साइकिल चलाना, तैरना बद हो जाती हैं, सही है न ? गलत! वैसे कई व्यक्तियों के लिए यही सच्चाई है, पर अक्सर यह उनका अपना चुनाव होता है ।
उम्र बढने के साथ सेहत में गिरावट और शारीरिक समस्याएँ, उम्र बढने से ज्यादा निष्क्रियता की वजह से होती हैं । नियमित व्यायाम व्यक्ति को स्वस्थ, क्रियाशील और उम्र बढने पर भी आत्मनिर्भर रख सकता है । वे लोग, जो व्यवस्थित ढंग से खाते हैं, नियमित व्यायाम करते हैं और आहार पूरक लेते हैं, वे अपनी वास्तविक आयु को 10 से 20 वर्ष नीचे ला सकते हैं ।
अपने जीवन से व्यायाम को जोड़ें (Add Exercise to Your Life):
संपूर्ण और सर्वोत्तम स्वास्थ्य लाभों के लिए विशेषज्ञ हफ्ते में तीन या चार बार कम से कम 20 से 30 मिनट एरोबिक्स व्यायाम करने, साथ ही कुछ स्ट्रेचिंग और मांसपेशी को मजबूत बनाने वाले व्यायाम करने की सलाह देते हैं । यह बात उन लोगों के लिए जरा अखरने वाली हो सकती है, जो व्यायाम के अभ्यस्त नहीं हैं या ‘खिलाडी’ प्रवृत्ति के नहीं है, लेकिन जीवन में इन क्रियाओं को शामिल करने के आसान और मनोरंजक तरीके भी हैं ।
ऐसे व्यायाम का चुनाव करें, जिसमें मजा आता हो । चाहे वह जिम जाना हो, योग कक्षा जाना हो या रात के खाने के बाद तेज सैर करना हो । सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इसे दैनिक जीवन का हिस्सा बना के कई लोग अपने व्यस्त जीवन में व्यायाम के लिए बहुत ज्यादा समय नहीं निकाल सकते ।
यदि इंसान को लगता है कि उसके लिए रोज आधा घंटा भी अलग से निकालना कठिन है तो अपने प्रतिदिन के क्रिया-कलापों में शारीरिक क्रियाओं को शामिल कर लें । इधर-उधर उठते-बैठते की हुई पाँच-पाँच मिनट की ये क्रियाएँ भी जल्द ही आवश्यक तीस मिनट में जुड जाएँगी और फिर यह आदत में शुमार हो जाएगा ।
कुछ उदाहरण दिए गए हैं, कैसे जीवन में व्यायाम की शुरुआत कर सकते हैं:
1. पार्किंग लॉट में अपनी कार को बहुत दूर पार्क करें ।
2. बागवानी, पत्तियाँ समेटना/काटना लॉन को सुधारना जैसे काम खुद करें ।
3. घर के काम, जैसे सफाई करना वैक्यूमक्लीनिंग, झाड-पोछ आदि खुद करें ।
4. लिफ्ट, एस्केलेटर और मूविंग साइडवॉक के बजाए सीढ़ियों से चढे व चलें ।
5. लंच ब्रेक के दौरान भी थोड़ा-बहुत चलें-फिरें ।
6. रिमोट कंट्रोल जैसे श्रम बचाने वाले उपकरणों का कम से कम उपयोग करें ।
7. बच्चों के साथ खेलें या शिशुओं की देखभाल करें ।